पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/३०

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| ( २० ) अलम् + कार=अलंकार या अलङ्कार किम् + चित्= किंचित वा किञ्चित् सम् + तोघ=संतोष वा सन्तोष स्वयम् + भू = स्वयंभू वा स्वयम्भू ५३–म् के परे व्यंजन हो तो अ के बदले अनुस्वार अथवा उसी वर्ग का अनुनासिक व्यंजन होगा। = = == = = किंम्-+हा = झिवा । स्यम् + वर = स्वयंवर सम् + योग = संयोग सम्+सार = संसार सम् + रक्षा = संरक्षा सम्+हार = संहार ५४-५ से परे अंतस्थ वा ऊष्म वर्ण हो तो मू के बदले अनुस्वार आता है। भर+क्षन = भरण भूषअन=भूषण भार + अयन==नारायण परि + मान = परिमाण । ऋ-+नः=ऋण ५५---ऋ, र वा घ के पश्चात् न आवे और बीच में चाहे स्वर कवर्ग, पवर्ग, अनुस्वार अथवा य, व, ह रहे तो न के स्थान में ण होता है। राम - अयन= रामायण अभि-+-सेक = अभिषेक नि - सेध = निषेध वि + सम=विषम सु - सुत=सुषुप्त । ५६-यदि किसी शब्द के आदि मे स हो और उसके पहले अ चा को छोड़ कोई स्वर आवे तो बहुवा स के स्थान में से होता है ।। इस नियम के कई अपवाद हैं; जैसे, अनुस्वार, विसर्ग, प्रस्थान । आकृष् +त=कृष्ट पप् + थ=षB तुघ * त=-तुष्ट पृथ=पृष्ठ