पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/२९

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वाक् + मय=त्रामयं जगत् + नायजगन्नाथ ट्मास=qण्मास अq+भय=अम्मय। ४८----क, च, ८, त् , ५ के आगे कोई अनुनासिक व्यंजन हो तो उसके स्थान में क्रमशः वर्ग का पाँचवाँ अक्षर होगा । सत् --- अनंद = सदानंद सत् + धर्म=सद्धर्म जगत्-ईश=जगदीश भगवत् + भक्ति = भगवद्भक्ति भगवत् + गीतT==भगवद्गीता तत् +रूप = तद्रूप उत् + चाटन=उछाटन भविष्यत् -+-वाणी=भविष्यद्वाणी ४९-त् के पश्चात् कोइ स्वर या किसी वर्ग का तीसरा वा चौथा अक्षर अथवा य, र, व, आवे तो त् के बदले द् होगा । मन -

सत्+चरित्र=सच्चरित्र तत् + टीका = तट्टीका महत् + छाया = मइच्छाया बृहत् डमरू=वृड्डूमरू विपद् + जाल = विपज्ञाल उत् + लास=उल्लास ५०-त् वा दू के परे चवर्ग हो तो उसके स्थान में चवर्ग, टवर्ग हो तो टवर्ग और ले हो तो लू होता है। उत्-+शिष्ट=उच्छिष्ट उत् + श्वास = उछ्वास तत् + हित=तद्धित उत् + हार = उद्धार | ५१—-त् वा दू के पीछे श आवे ते त् वा ६ के बदले च् और श के बदले छ होता है; और ह हो तो त् वा द् के बदले दू और ह के स्थान में ध होता है ।। अ + छादन=आच्छादन परि +छेद= परिच्छेद ।। ५२-- के पहले स्वर हो तो छ के बदले च्छ होता है । । ==