पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/२८

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( १८ ) ५-अयादि - -- - - - - ने + अन==नयन | ए + अअय् । ए, ऐ और अ; औ के पीछे नै + अकृ=नायक | ऐ + अ = आय् । कोई भी स्वर आवे तो ए के पौ + अन-पावन | ओं + अ = अव स्थान में अय्, ऐ के स्थान : पो + अक=पावक | औ - अ==आबू में अबू ओ के स्थान में आय् और औ के स्थान में अबू होता है। =

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= == == अभ्यास १-नीचे लिखे शब्दो को स्वर-संधि के नियमानुसार जोड़ो-~- घन + अभाव प्रश्न + उत्तर रवि + उदय । सु • आगत रीति + अनुसार मन+एकता गै+अक मातृ=आज्ञा अनु+अय देव + ऋषि पो + इत्र भानु + उदय ६-नीचे लिखे शब्दों में स्वर-संधि अलग करो--- सूर्योदय हस्ताक्षर तृपौदार्य | कवीश्वर सूर्यास्त गणेश प्रीत्यर्थ । वधूत्सव रमेश राजचिं | इत्यादि। नायक व्यंजन-संधि दिक् + गज=दिग्गज घट् + आनन-=षडानन वाक् + दानवाग्दान, घ+ रिपु=षड्रिघु अच-अंत=अजंत अप् + ज=अब्ज अच्+आदि-अजादि सुप् -- अंत=सुवंत ४६---क्, च्, ट, त्, पू के पर अनुनासिक को छोड़ कोई स्वर वा घोप व्यंजन हो तो उनके स्थान में क्रमशः वर्ग का तीसरा अक्षर होगा ।