पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/२५०

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३३ । १ क } किसी महत्वपूर्ण वचन उद्धृत करने में अथवा उदाहरणें, कहावत में जैसे; तुलसीदास ने कहा है पराधीन सपनेहुँ सुख नाई । मौर्य-वंशी राजाओं के समय में भी भारतवासियों को अपने देश का अच्छा ज्ञान था'-यह साधारण वाक्य है । उस बालक के सुलक्षण देख- कर उब यही कहते थे कि होनहार बिरवान के होत चीकने पति ।” | ( ख ) संज्ञा-वाक्य के साथ, जब वह मुख्य वाक्य के पूर्व आता है; जैसे, रबर काहे का बनता है। यह बात बहुत को मालूम नहीं है। मैं अपनी प्रतिज्ञा पालूंगा” ऐसा कह उसने इण के लिये प्रस्थान किया । । ( 7 } जब किसी अक्षर, शब्द या वाक्य का प्रयोग अक्षर शब्द या वाक्य के अर्थ में होता है; जैसे, हिंदी में ऋ” का उपयोग नहीं होता । शिक्षा बहुत व्यापक शब्द है । चारों ओर से मारो-मारों की आवाज सुनाई देती थी । ( ६ ) पुस्तक, समाचार-पत्र, लेख, चित्र, सूर्ति, पदवी आदि के नाम में; जैसे, आपके पुस्तक का नाम पंचपात्र है। कालाकॉकर से सम्राट नाम का एक साप्ताहिक निकलता था । उन्हें राय साहिब की पदवी मिली है। अट १-नीचे लिखे अंश में यथास्थान विराम-चिह्न लगाओ--- ये साहित्यसेवा में रुपया लगाते थे दीन-दुखियों की सहायता करते थे। देयोपकार के काम में चंदे देते थे ठाकुरपूजा का प्रबंध करते थे और साथ ही साथ भोग-विलास भी करते थे इनका बढ़ा हुआ खर्च देखकर एक बार स्वर्गीय सहाराज ईश्वरीप्रसाद नारायण सिंह काशीनरेश ने इन्हें अनेक प्रकार से समझाकर कहा बबुआ घर को देखकर काम करो फ बबुआ को इन बातो से क्या मतलब था उन्होने चट उत्तर दिया हुजू इस धन ने मेरे पूर्वजो को खाया है मैं इसे खाऊँगा।