पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/२४९

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( २३७ ) मारी फिरती हो । जहाँ इन बातों से उसका संबंध न रहें-वह केवल मनो-विनोद की सामग्री समझी जाय—वही समझना चाहिए कि उनका उद्देश्य नष्ट हो गया-उसका ढंग बिगड़ गया । ( ख ) किसी विषय के साथ तत्संबंधी अन्य बातो की सूचना देने में; जैसे इसी सोच में सवेरा हो गया कि हाय ! इस वीराने में अब कैसे प्राण बचेगे---न जाने, मैं कौन मौत करूंगा ! इंगलैंड के राजनीतिज्ञों के

  • दो दल हैं--एक उदार, और दूसरा अनुदार ।।

(ग) किसी के वचनों को उद्धृत करने के पूर्व, जैसे, मै--अच्छा यहाँ से जमीन कितनी दूर पर होगी ? कप्तान-कम से कम तीन सौ मील पर। हम लोगों को सुना-सुना कर वह अपनी बोली में कहने लगा--- तुम लोगों को पीठ से पीठ बॉधकर समुद्र में डुबा दूंगा । कहा है--सॉच बरोबर तप नहीं झूठ बरोबर पाप । ।। (७ ) कोष्टक । ४१०---कोष्टक नीचे लिखे स्थानों में आता है-- | ( क ) विषय विभाग में क्रम-सूचक अक्षरो या अंको के साथ; जैसे, ( क ) काल, ( ख ) स्थान ( ग ) रीति, (घ) परिमाण । (१) शब्दालंकार, (२) अर्थालंकार, (३) उभयालकार ।। ६.' ( ख ) समानार्थी शब्द या वाक्यांश के साथ; जैसे 'अफ्रिका के | नीग्रो लोग ( हब्शी ) अधिकतर उन्हीं की सतान हैं । उसी कालेज में |, एक रईस किसान ( बडे ) जमींदार का लड़का पढ़ता था । . ( ग ) ऐसे वाक्य के साथ जो मूल वाक्य के साथ आकर उससे | रचना का कोई संबंध नही रखता; जैसे रानी मेरी का सौदर्य अद्वितीय था ( जैसी वह सरूपा थी वैसी ही एलिजाबेथ कुरूपा थी ) । जब राना वृद्ध हुआ तब उसने शासनभार अपने पुत्र को सौंप दिया ( धर्म के अनुसार यह उचित ही था ।) ' (८) अवतरण चिह्न । ४११-इन चिह्नों का उपयोग नीचे लिखे स्थानों में किया जाता है---