पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/२४५

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

आठवाँ अध्याय विराम-चिह्न ४०२–शब्दो और वाक्यो का परस्पर संबंध बताने तथा किसी विषय को भिन्न-भिन्न भागों में बाटने और पढने में ठहरने के लिये, लेख, में जिन चिन्हों का उपयोग किया जाता है उन्हे विराम-चिह्न कहते हैं । ४०३---मुख्य विराम-चिह्न ये हैं--- (१) अल्प विराम (२) अर्द्ध विराम ; ( ३ ) पूर्ण विराम ।। (४) प्रश्न चिह्न १ (५) आश्चर्य चिह्न ! (६) निर्देशक (डैस) --- (७) कोष्टक () ,' (८) अवतरण चिह्न १६ }} । (१) अल्वा-विराम ' ४०४-इस चिह्न का उपयोग, बहुधा नीचे लिखे स्थानों में किया जाता है- ( क ) जब एक ही शब्द-भेद के दो शब्दो के बीच में समुच्चय- बोधकं न हो; जैसे वहाँ पीले हरे खेत दिखाई देते थे । वे लोग नदी, नाले पार करते चले। | ( ख ) जब एक ही शब्द-भेद के दो से अधिक शब्द आवें और उनके बीच समुच्चय-चोधक रहे, तब अंतिम शब्द को छोड़ शेष के पश्चात्; , जैसे, किसी नगर में एक महाजन, उसकी स्त्री और दो बच्चे थे । वह