पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/२४४

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{ २३२ ) - - - अब (ग) । ( संक्षिप्त ) | (इस- नारा- ० चैत ०] ० ० | (( काल०) नारायण ! मुख्य उपवाक्य लिये) | यण | अब चेत ! (ख) का समा | नाधिकरण परिणाम बोधक | (घ) । ( संक्षिप्त } j(क्योफिर । क्रिया विशेषण | कि) ( काल०) पछताए। पछताए। उपवाक्य । होत का । (कारणवाचक) (रोति० ) (ग) उपवाक्य के चेत क्रिया की विशेषता । बताता है । | () ! ( संक्षिप्त ) | ० चिड़ि- ० चुन खेत ० ० | जब चिड़िया क्रिया-विशेषण । याँ गई। चुन गई उपवाक्य । खेत । (कालवाचक) (ध} उपवाक्य की होत क्रिया की विशेपता । बतलाता है ।। अभ्यास १--नीचे लिखे संक्षिप्त वाक्यो का पूर्ण पृथक्करण करो । ' झदाँ राजा भोज कहाँ गंगा तेली । सॉच को ऑॉच क्या ? इमारी और उनकी नहीं बनती वह वेपर की उड़ाता है। मैं तेरी एक भी न सुनूंगा। जहां तक ही मनुष्य को परिश्रम करना चाहिए। तुम्हारे मन में न जाने क्या सोच है। आप बुरा न मानें तो मैं एक बात कहूँ । बहिरौ नुने गुंग पुनि बोलै । क्या कहूँ ? सुधरी बिगरै वेग ही, विगरी फिर सुधर न !