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( २२९ } नगर के लोग अपने घरों और दुकानों को सजाने लगे । अनुभव से मनुष्य चतुर और साहसी हो जाता है । । ३६८--- जब संयुक्त वाक्य के समानाधिकरण उपवाक्यों में एक ही उद्देश्य अयवा एक ही विधेय या दूसरा कोई खंड बार-बार आता है, तब उस खंड की पुनरुक्ति मिटाने के लिए उसे एक ही बार लिखकर संयुक्त वाक्य संकुचित कर देते हैं । ३९६-- संकुचित संयुक्त वाक्य में--- ( १ ) दो या अधिक उद्देश्य का एक ही विधेय हो सकता है, जैसे मनुष्य और कुत्ते सब जगह पाए जाते हैं । उन्हें आगे पढ़ने के लिए है समय, न धन, न इच्छा होती है । (२) एक उद्देश्य के दो या अधिक विधेय हो सकते हैं, जैसे गर्मी से पदार्थ फैलते हैं और छह से सिकुड़ते हैं । हम यहाँ रहेगे या चले | जायेंगे। ( ३ ) एक विधेय के दो या अधिक कर्म हो सकते हैं; जैसे, पानी अपने साथ मिट्टी और पत्थर बहा ले जाता है। मजदूर सामान और बोझ ढो रहे हैं । (४) एक विधेय के दो या अधिक पूर्तियाँ हो सकती हैं; जैसे, सोना सुंदर और कीमती होता है। लड़का बुद्धिमान और परिश्रमी जान पड़ता है। (५) एक विधेय के दो वा अधिक विधेय-विस्तारक हो सकते हैं; जैसे, दुरात्मा के धर्मशास्त्र पढ़ने और वेद का अध्ययन करने से कुछ नहीं होता। वह ब्राह्मण अति संतुष्ट हो, आशीर्वाद दे, वहाँ से उठ, राजा भीष्म के पास गया । । । । ( ६ ) उद्देश्य के कई उद्देश्यवद्धक हो सकते हैं, जैसे, मेरा और मेरे भाई का विवाह एक ही घर में हुआ है। बड़े और मजबूत घोड़े बोझा ढोने के काम में आते हैं । |', (७) एक कर्म अथवा पूर्ति के अनेक गुणवान्चक शब्द हो सकते हैं;