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{ २२२ ) उपदाय मिले हुए हैं, जिनमें से रेखांकित उपवाक्य मुख्य उपवाक्य चौर शेच आश्रित उपवाक्य हैं । जिस वाक्य में एक मुख्य उपवाक्य और एक या अधिक आश्रित उपवाक्य रहते हैं, उसे मिश्र वाक्य कहते हैं। ३८३---मिथवाक्य के आश्रित उपवाक्य तीन प्रकार के होते हैं--- संज्ञा उपवाक्य, विशेपण और क्रिया विशेषण उपवाक्य ।। १ क } मुख्य उपवाक्य की किसी संज्ञा या सर्वनाम के बदले लो। उपवाक्य अाना है, उसे संज्ञा उपवाक्य कहते हैं; जैसे, तुमको यह कब योग्य है, कि बन में बसों इस वाक्य में 'वन में वसा आश्रित उपवाक्य मुख्य उपवाक्य के यह सर्वनाम के बदले में आया है। ख ) मुख्य उग्रवाक्य की किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता. बताने वाला उपवाक्य विशेषण उपवाक्य कहलाता है; जैसे जो मनुष्य बनवान् होता है, उसे सभी चाहते हैं । इस वाक्य में जो मनुष्य धनबा होता है यह श्रित उपवाक्य मुख्य उपवाक्य के ‘उसे' सर्वनाम की विशेषता बतलाता है। | ( ग ) क्रिया विशेष उपवाक्य मुख्य उपयाक्य की क्रिया की। विशेषता बतलाता है जैसे, जब सवेरा हुआ तब हम लोग बाहर गए । इस मिश्र वाक्य में “जब सवेरा हुआ' क्रिया विशेपण उपवाक्य मुख्य । उपवाक्य की जाए क्रिया की विशेषता बतलाता है। ३८४---एक मिश्र वाक्य में दो या अधिक समानाधिकरण आश्रित उपवाक्ये भी आ सकते हैं। उदा०---हम चाहते हैं कि लड़के निरोग रहे और लड़के निरोग रहें और विद्वान् हो? ये दो आश्रित उपवाक्य हैं । ये दोनों उपवाक्य *चाहते हैं क्रिया के कर्म हैं इसलिये दोन समानाधिकरण संज्ञा-उपवाक्य है । ( क ) संज्ञा उपवाक्य । ३८५संज्ञा-उपवाक्य मुख्य उपवाक्य के संबंध से बहुधा नीचे लिखे किसी एक स्थान में आता है----