पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/२३३

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
( २२१ )

________________

( २३१ ) अभ्यास १-नीचे लिखे संयुक्त वाक्यो का उपवाक्य-पृथक्करण करो-=-= दो एक दिन आते हुए दासी ने उसको देखा था, किंतु संध्या के पीछे आता था; इससे वह उसे पहचान न सकी । उस समय हव बडे जोर से चलती थी और पानी भी वेग से बरसता था; इसलिए ऐसे समय मेरा यहाँ आना संभव न था । मैं बड़ी देर तक राह देखता रहा; पर न राम आया और न मोइन । जंगल में मुझे प्यास लगी; मैं पानी की खोज में यहाँ वहाँ फिरता रहा, पर सारे प्रयत्न निष्फल रहे और मुझे कोई जलाशय न मिला । महानद ने इसको बहुत सोचा; परंतु उराकी बुद्ध ने कुछ काभ न किया । रामचंद्र की आज्ञा पाकर अंगद रावण की सभा में गए और सीता को लौटा देने के लिए उन्होंने रावण को बहुत समझाया | तु अपनी भिक्षा का सारा अन्न मुझे लाकर देता है और फिर अपने लिए मॉगने नहीं जाता, तो भी तू मोटा ही होता जाता है । |, इस काम को मैं पूरा ही करूंगा अथवा शरीर त्याग दूंगा । वह ब्रूड़ा हो गया पर उसके केश काले ही हैं । इस अवसर पर या तो वे मेरे यहाँ आवेंगे अथवा मुझको उनके यहाँ जाना पड़ेगा । चौथा पाठ मिश्रवाक्य तुमको यह कब योग्य है कि बन में बसो । जो मनुष्य धनवान् होता है, उसे सभी चाहते हैं । जब सवेरा हुआ, तब हम लोग बाहर गए । यदि आप यहाँ वेंगे तो मैं आप को वह उपाय बताऊँगा जिससे मनुष्य आरोग्य रह सकता है। ३८२ऊपर लिखे वाक्यों में प्रत्येक में दो वा दो से अधिक