पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/२३२

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
( २२० )

________________

( ३२० )। दुराचार नहीं करते; किंतु अंतःकरण के निर्बल हो जाने से वह वैसा करते हैं । मुछी दूर हो जाने पर राजा रानी को समझाने लगे, पर उसने राजा के कथन पर कुछ भी ध्यान न दिया । मैंने उसे बहुत समझाया; परंतु वह अपनी हठ पर अड़ा रहा । १ ४ } परिणामबोधक-मुझे उन लोगों का भेद लेना था; सो मैं वहाँ ठहरकर उनकी बाते सुनने लगा । आप से बहुत समय से भेंट नहीं हुई थी, इसलिये मैं यहाँ आया हूँ। उसने मेरी बात नहीं मानीं थी; इसलिये आज उसे थे अापत्तियों सहनी पड़ रही हैं । ३८१----कभी-कभी समानाधिकरण उपवाक्य बिना समुच्चय-बोधक के ही जोड़ दिए जाते हैं; जैसे, आप सब प्रकार से समर्थ हैं; आप इस काम को कर सकते हैं। पानी बरसने की संभावना है; बादल घिरे हुए हैं; मेरे भक्तों पर भीर पड़ी है; इस समय चलकर उनकी चिंता मिटा देनी चाहिए। संयुक्त वाक्य के उपवाक्य-पृथक्करण का उदाहरण मैंने इस कार्य में बहुधा उद्योग किया है; इसलिये मुझे सफलता की पूरी अशा है; परंतु मनुष्य के भाग्य का निणय ईश्वर के हाथ में रहता है। Hors उपवाक्य प्रकार संबंध संयोजक शब् (क) मैने इस कार्य में सुव्य बहुत उद्योग । उपाय किया है ।। (ख) इसलिए मुझे । मुख्य | (क) का समाना सफलता की पूरी । उपवाक्य धिकरण परिणाम साशा है। बोधक । इसलिए (ग) परंतु मनुष्य के मुख्य । (ख) का समानाधिभाग्य का निर्णय | उपवाक्य करण, विरोध ईश्वर के हाथ में दर्शक परंतु रहता है।