पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/२२८

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( 7 ) संबंध कारक-उसने अपना हाथ बढ़ाया । अाज का पाठ पढ़ लो । हाकिम ने गांव के मुखिया को बुलाया। | ( ६ ) विशेपण वाक्यांशु---मैने बॉस पर चढ़ते हुए नट को देखा। लोग हरिश्चंद्र की बनाई हुई किताबें प्रेम से पढ़ते हैं । ३७६- उद्देश्य को संज्ञा के समान विधेय की क्रिया का विस्तार होता है । विधेय की क्रिया क्रियाविशेषण अथवा उसके समान उपयोग में आनेवाले शव्दी के द्वारा बढाई जाती है ।। ३७७---विधेय की क्रिया का विस्तार आगे लिखे शब्दों से होता है। ( क ) संज्ञा या संज्ञा-वाक्याश-~-एक समय बड़ा अकाल • पड़ा । उसने कई वर्ष राज्य किया । नौ दिन चले अढ़ाई कोस । ( ख ) क्रिया विशेषण के समान उपयोग में आनेवाले विशेषण--- वह अच्छा लिखता है । स्त्री मधुर गाती है । मै स्वस्थ बैठा हूँ । | ( ग ) विशेष्य के परे आनेवाले विशेप ~~-स्त्रियाँ उदास वैठी थी । उसका लड़का भला चंग खड़ा है । कुचा भौकता हुआ भागा । | (घ ) पूर्ण तथा अपूर्ण क्रिया-द्योतक कृदंत=कुत्ता पूँछ हिलाते हुए आया । स्त्री बकते-बकते चली गई। लड़का बैठे-बैठे उकता गया (ङ) पूर्वकालिक कृदंत-वह उठकर भागा । तुम दौड़कर चलते हा । वे नहाकर लौट आए । ( च } तत्कालधक कृदंत--उसने आते ही उपद्रव मचाया । स्त्री गिरते ही मर गई । वह लेट ही सो गया ।। ( छ ) स्वतंत्र वाक्यांश---इससे थकावट दूर होकर अच्छी नींद । आती है। इतनी रात गए क्यो आए ? उनको गए एक साल हो गया । (ज) क्रियाविशेषण या क्रिया विशेष वाक्यांश--गाड़ी जल्दी चलती है। चोर कहीं न कहीं छिपा है । पुस्तक हाथो हाथ बिक-गई । (झ) संबंध सूचकांत शव्द-चिड़िया धोती समेत उड़ गई। वह भूख के मारे मर गया । मैं उनके यहाँ रहता हूँ ।