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( १०८ ) खड़ा है। भवानी सुनार को बुलाओ । राम का पिता मोइन यहाँ आया है। २५८-तो, मैं, ही, भर, तक और मात्र वाक्य में उन्हीं शब्दों के पश्चात् आते हैं जिनपर इसके कारण अवधारण होता है और इनके स्थानातर से वाक्य में अर्थातर हो जाता है। जैसे हम, भी गाँव को जाते हैं । इम गॉव को भी जाते हैं। इस तो गॉव को जाते हैं । हम गॉव को तो जाते हैं । ३५६---समुच्चय-बोधक अव्यय जिन शब्दों अथवा वाक्यों को जोड़ते हैं उनके बीच में आते हैं; जैसे, हम उन्हें सुख देगे क्योकि उन्होने हमारे लिए बड़ा तप किया है। ग्रह और उपग्रह सूर्य के खास पास घूमते हैं । मैने लड़के को बहुत समझाया, पर वह न सुधरा । ३६०-छंद की पूर्णता के लिए प्रायः सभी शव्द वाक्य में अपना स्थान छोड़कर दूसरे स्थान में आते हैं; जैसे, कही सजावट की चीज़ो से हो जाता था चित्र प्रसन्न कहीं कले अपनी महिमा से करती थीं विस्मय उत्पन्न भॉति भॉति की वस्त्र-राशियाँ कहीं दिखाई देती थीं; कुशल कलाकारो की कृतियों चित्त न्चुराये लेती थीं । अभ्यास १--नीचे लिखे वाक्यो में शब्दों के क्रम का कारण बताओ--- भारतवर्ष में कपास के वस्त्र लगभग चार हजार वर्ष से बनते हैं । उस समय यहाँ महीन और सुंदर वस्त्र भी । बनते थे पूर्व काल के लेखको ने लिखा है कि भारतीय कपड़ा सस्ता तैयार होता है और उसकी छपाई तथा रंगाई भी मनमोहक होती है। जब से वैज्ञानिको ने बिनौले को उपयोगी पदार्थ सिद्ध कर दिया, तबसे अमेरिका में कपास ही के समान उसका आदर होने लगा । मिलो का आविष्कार करके वैज्ञानिको ने लाख मजदूरों को काम दिया है । चख और करघों द्वारा कपड़ा बुननेवाला भारतवर्ष आजकल वस्त्र व्यवसाय में पिछड़ा हुआ है।