पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/२११

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' । ( १६९ ) आएँ, तब मैं भोजन करता होऊँ । अगर मैं लिखता होऊँ तो मुझे न बुलाना ।। ( ई ) उत्प्रेक्षा--आप ऐसे बोलते हैं मानो मुख से फूल झड़ते हों । ऐसा शब्द हो रहा था मानो मेघ गरजता हो । आप मुझे इस प्रकार आज्ञा देते हैं मानो मै आपकी नौकरी करता होऊ । | ( ६ ) संदिग्ध वर्तमान काल ३२८--यह काल नोचे लिखे अर्थों में आता है । ( अ ) वर्तमानकाल की क्रिया का सदेह-गाड़ी आती होगी । मेरी सब कथा जानते होगे । तेरे लिये गोतमी अकुलाती होगी । | ( अ ) तक---चाय पत्तियों से बनती होगी । यह तेल खदान से निकलता होगा । आप सबके साथ ऐसा ही व्यवहार करते होगे । ( इ ) भूतकाल की अपूर्ण का संदेह-—उस समय मै वह काम करता होऊँगा | जब आप उनके पास गए, तत्र वे विट्ठी लिखते होगे । वे वहाँ रहते होगे । ।। (१०) अपूर्ण संकेतार्थ काल । ' ३२६-इस काल से नीचे के अर्थ सूचित होते हैं- ' ( अ ) अपुर्ण क्रिया की असिद्धता का संकेत-अगर वह काम करता होता, तो अबतक चतुर हो जाता । अगर हम कमाते होते तो ये बातें क्यों सुननी पड़तीं । यदि वे चलते तो अवश्य पहुँच गए होते। ( अ ) वर्चमान या भूत की कोई असिद्ध इच्छा-मैं चाहता हूँ कि यह लड़का पढ़ता होता | उसको इच्छा थी कि मेरा भाई मेरे साथ काम करता होता । वह चाहता था कि मेरा लड़का बुद्धिमान होता है। (इ) कभी-कभी पूर्व वाक्य का लोप कर दिया जाता है और केवल उत्तर वाक्य बोला जाता है; जैसे, इस समय वह लड़का पढ़ता होता । ( अगर वह जीता रहता तो पढ़ने में मन लगाता | हम सुख में समय बिताते होते ।।