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( १८४ } धीरे-धीरे- पूछ-ताछ 2-2 खटखट असुम्स ३०६-ऊपर लिखे शब्दों में एक ही शब्द दो बार आया है अथवा एक सुश्क के साथ दूसरा समानुप्रा या निरर्थक शब्द आया है। इस प्रकार के शब्दों को पुनरुक्त शब्द कहते हैं । . ३०७-पुनरुक्त शव्द दो प्रकार के हैं---पूर्ण पुनरुक्त, अपूर्ण चुनरुक्त । ( १ ) अब कोई एक शब्द एक ही साथ लगातार दो बार अथवा तीन बार प्रयुक्त होता है तच उन सबको पूर्ण पुनरुक्त शब्द कहते हैं; जैसे, देश-देश, बड़े-बडे, जन-जन, चलते-चलते, जय जय जय ।। ( २ ) जब किसी शब्द के साथ कोई समानुप्रास सार्थक वा निरर्थक शब्द आता है तब वे दोनों शब्द पुनरुक्त शब्द कहते हैं; जैसे आस- पास, अनने-सामने, देख-भाल । ३०८-पुनरुक शब्द अतिशयता, एकजातीयता, भिन्नता, आदि अर्थों में आते हैं। जैसे, ( १ ) संज्ञाएँ---हँसी-हसी में लड़ाई हो पड़ी । फूल-फूल अलग रख दो । रंग-रंग के फूल ।। (३) विशेषण-मीठे-मीठ आम । छोटे छोटे लड़के अलग बिठाए गए। अनूठे-कठे खेल है। ( ३ ) क्रिया-वह मार-मारा फिरता है। लड़का सोते-सोते चौंक पड़ा । मैं चलते-चलते थक गया । ( ४ ) क्रियाविशेषण----धीरे-धीरे, कभी-कभी, जब-जब आदि । (५) संबंध-सूचकनौकर के साथ-साथ, लड़के के पास-पास, १६ } विस्मयादिबोधक-हाय-हाय ! छिः छिः ! अरे अरे ! ३०६-- अपूर्ण पुनरुक्त शब्द दो सार्थक अथवा एक सार्थक और एक निरर्थक या दो निरर्थक शब्दों के मेल से बनते हैं; जैसे,