पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/१७४

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१ १६४ ) २६६-पूर्णता-बोधक क्रिया चुकना क्रिया के योग से बनती है; जैसे, पढ चुझना, दौड़ चुकना । । | ( अ ) *चुकना क्रिया के सामान्य भविष्यत्काल से अँगरेजी के पूर्ण विथतू काल का बोध होता है, जैसे उस समय वह खा चुकेगा । अापके आने तक वह लिख चुके है। १५ ) अपूर्ण क्रियाद्योतक कृदंत से बनी हुई २६६•अपूर्ण क्रियाद्योतक कृदन के आगे “बनता' क्रिया को जोडने से योग्यता-बोधक क्रिया बनती है, जैसे रोगी से चलते बनता है । उससे पढ़ते न चुकेगा ।। | ( ६) पूर्ण क्रियाद्योतक कृदंत से बनी हुई ६७०-~-पुर्ण क्रिया द्योतक कृदंत से दो प्रकार को संयुक्त क्रियाएँ बनते हैं-( १ ) निरंतरता-बोधक { निश्चयबोधक ) २७१---कर्मक क्रियाओं के पूर्ण क्रियाद्योतक कृदंत के आगे जाना” क्रिया जोड़ने से निरंतरता-बोधक क्रिया बनती है; जैसे वह मुझे निगले जाता है। इस लता को क्यों छोड़े जाता है। लड़की वह काम किए जाती है । पृढ़े जाओ । यहाँ क्रिया बहुघा वर्तमानकालिक कृदन से बने हुए कालो में तथा विधि कालों में आती है ।। | २७२-पूर्ण क्रियाद्योतक कृदंत के आगे लेना, देना, डालना और बैठना जोड़ने से निश्चय-बोधक संयुक्त क्रियाएँ बनती हैं। ये क्रियाएँ बहुचा सकर्मक क्रियाओं के साथ सामान्य वर्चमान कालों में आती हैं; जैसे, मैं यह पुस्तक लिए लेता हैं। वह कपड़ा दिए देता है । हम कुछ हे बॅठते है । (७) संज्ञा विशेषण के योग से बनी हुई २७३-सज्ञा ( या विशेषण ) के साथ क्रिया जोड़ने से जो संयुक्त क्रिया बनती है उसे नास बोधक क्रिया कहते हैं, जैसे भस्म होना, भस्म करना, स्वीकार होना, स्वीकार करना । |