पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/१५८

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| { १४८ ) • ३२) आसन्न भूतकाल कर्म पुल्लिा १० व० ( स्त्री० ) कमें पुल्लिग ब० व० ( स्त्री० ) मैंने...उन्होने पाया हो ( पाई है ) पाए हैं ( पाई हैं ) ( ३ ) पूण भूतकाल कर्म पुल्लिंग ए० व० ( स्त्री० ) कर्म पुल्लिग ब० व० ( स्त्री० ) मैंने•••उन्होंने पाया था (याई थी ) पाए थे ( पाई थीं), (४) संभाव्य भूतकाल कर्म पुल्लिंग ए० ० ( स्री० ) में पुल्लिग ब व० ( स्त्री० ) मैंने...उन्होंने पाया हो ( पाई हो ) पाए हों ( पाई हो ) । (५) संदिग्ध भूतकाल कम पुल्लिंग ए० ० ( स्त्री० ) कर्म पुल्लिग ब० व० ( स्त्री० ) मैने...उन्होने पाया होगा ( पाई होगी ) पाए होगे ( पाई होगी ) (६) पूर्ण संकेतार्थ काल । कर्म पुल्लिग ए० ब० ( स्त्री० ) कर्म पुल्लिग ब० व० (स्त्री०) मै...उन्होने पाया होता (पाई होती) पाए होते ( पाई होती ) ।। २-कर्मवाच्य २४४---कर्मवाच्य क्रिया बनाने के लिए सकर्मक धातु के भूतकाल कृत के आगे जाना सहायक क्रिया के सत्र कालो और अर्थों का रूप जोड़ते हैं। कर्मवाच्य में कर्म उद्देश्य होकर अप्रत्यक्ष कर्ता कारक के रूप में आता है; और क्रिया के पुरुप, लिग,,बचन उद्देश्य ( कर्म ) के अनु- सार होते हैं; जैसे लड़का बुलाया गया। लड़की बुलाई गई है। | २४५.---आगे देखना सकर्मक क्रिया के कर्मवाच्य (कमणि प्रयोग ) के केवल पुल्लिग रूप दिये जाते हैं। स्त्रीलिंग रूप कठ्वाच्य काल-रचना के अनुकरण पर सहज ही बना लिए जा सकते हैं ।