पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/१५२

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१ १४३ ) ( १ ) आसन्न भूतकाले बनाने के लिये भूतकालिक कृदंत के साथ सहायक क्रिया के सामान्य वर्त्तमान काल के रूप जोड़ते हैं; जैसे, मैं आया हूँ। हम आए हैं । वे आई हैं । ( ३ ) पृ-भूतकाल भूतकालिक कृदंत के सहायक क्रिया के सामान्य भूतकाल के रूप जोड़कर बनाया जाता है; जैसे मैं आया था । इम आए थे। वे आई थीं। | ( ४ ) संभाव्य भूतकाल तकालिक कृदंत में सहायक क्रिया के संभाव्य भविष्यत् काल के रूप जोड़ने से बनता है; जैसे मैं आया होऊँ। हम आए हो । वे अआई हो । ( ५ ) संदिग्ध भूतकाल बनाने के लिये भूतकालिक कृदंत के साथ सहायक क्रिया के सामान्य भविष्यत् काल के रूप जोड़े जाते हैं, जैसे, मैं आया होऊँगा । हम आई होगी । | ( ६ ) पूर्ण संकेतार्थ काल भूतकालिक कृदंत में सहायक क्रिया के सामान्य संकेतार्थ के रूप लगाने से बनता है, जैसे, मैं आया होता । इम आए होते । वे आई होती ।। २४३-रो कर्तृवाच्य के सब कालों में दो कियाओ के रूप लिखे जाते हैं जिसमें एक अकर्मक और दूसरी सकर्मक है-- अकर्मक क्रिया, चलना” ( कर्तृवाच्य ) धानु-- चल क्रियाक संज्ञा-चलना वर्त्तमानकालिक कृदत--चलता ( हुअ ) भूतकालिक कृदन---चला ( हुआ ) पूर्वकालिक कृदंत--चल, चलकर तात्कालिक कृदत--चलते ही अपूर्ण क्रियाद्योतक कृदंत--चलते ( हुए ) पृणं क्रियाद्योतक कृदंत--चले ( हुए )