पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/१४८

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६ १३८ । धातु से बने हुए चारों आल तथा सामान्य संकेतार्थ और सामान्य भूत--ये छः साधारण काल हैं और शेष दस संयुक्त काले बनाए जाते हैं। २४०---जिस क्रिया की सहायता से संयुक्त काल बनाए जाते हैं, उसे सहायक क्रिया कहते हैं; जैसे, वह चलता है। वह चलता था । वह चला होगा । इन उदाहरण में है। था? और होगा' सहा- यॐ क्रियाएँ हैं जो होना क्रिया के रूप हैं । ३४१ce»आगे झालो की रचना के नियम लिखे जाते हैं । १-कढ़वाच्य | ( क ) धातु से बने हुए काल । ( १ ) सुभाष सविष्यत् काल के बनाने के लिये धातु में नीचे लिखे प्रत्यद अड़े जाते हैं- पु बहुवचन कञ्चन अ० । ( अ ) अकारांत धातु में ये प्रत्यय य अ के बदले लगाए जाते : हैं जैसे, लि, पढ़े, बोले । ६) दूसरे धातुओं में ॐ और ओ को छोड़ शेष प्रत्यय के पूर्व विकल्प सेवका गम होता है; जैसे; खाए वा खावे, सोएँ था सोवे; पीए या पीवे। अर०-देना, लेना और होना के कुछ रूप नियम-विरुद्ध होते हैं; जैसे, लेवे वा ले, देऊ या हूँ, हो वा हो। (२) संभाव्य भविष्यत् के अंत में लिंग-वचन के अनुसार गा, गे, गी जोड़ते हैं, जैसे जाऊँगा, बाएँगी । | (२) प्रत्यक्ष विधि का रूप, मध्यम पुरुष एकवचन, को छोड़। संभाव्य भविष्यत् के समान होता है। उसका मध्यम पुरुष एकवचन धातु के रूप में रहता है; जैसे, कह, बाल, सुन । (ब) आदर-सूचक आप के साथ प्रत्यक्ष विधिकाल में धातु में *इए'