पृष्ठ:संक्षिप्त हिंदी व्याकरण.pdf/१२४

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नहीं होती। यह इसी रूप में केवल विभक्ति-रहित कर्ता और कर्म के एकवचन में आता है । जब कुछ का प्रयोग कोई' के अर्थ में होता है तब इसके साथ संबोधन को छोड़ शेघ कार को की विभक्तियाँ बहुवचन में आती हैं; जैसे, कुछ ने चदा दिया है। कुछ का नाम अच्छा है। कुछ में यह दोष पाया जाता है । |१०-नीचे लिखे सर्वनामों की कारक-रचना उनके आगे लिखे हुए कारकी में करो ( अ ) मैं सबंध-कारक के दोनो वचनो में । ( अ ) त्=अधिकरण--कारक के बहुवचन मे । ( इ ) यह----कारण-कारक के एकवचन में । (ई) कौन--विभक्ति-रहित च और कर्म के एकवचन में ।।। (उ) जा---कम और संप्रदान कारकों के दोनों बचनों में । (ऊ) ई-नई कारकों में । सर्वनाम की पूर्ण व्याख्या वाक्यace>यह सच है कि जो कोई दूसरे के लिये गड़हा खोदता है। बह आप उसमें गिरता है। यह---सर्वनाम, निश्चयवाचक, निकटवर्ती, अंतिम उपवाक्य के बदले आया है, अन्य पुरुष, पुल्लिग, एकवचन, कत्तीकारक, इसकी क्रिया है। जो कोई---संयुक्त संबध-वाचक सर्वनाम, लुप्त “मनुष्य' संज्ञा के बदले आया, अन्य पुरुप, पुल्लिग, एकवचन कक्षकारक, इसकी क्रिया खोदता है । दूसरे के लिये--अनिश्चयवाक विशेषण, कहाँ सर्वनाम की तरह आया, अन्य पुरुप, पुल्लिग, एकवचन, संप्रदान-कारक, इसकी क्रिया खोदता है ।। | वह-निश्चयवाचक सर्वनाम, दूरवर्ती, जो कोई संबंध वाचक, मत्रनाम का नित्य संबंधी, अन्य पुरुप, पुल्लिग, एकवचन, कर्ता-कारक, इसकी क्रिया 'गिरता है ।