( १०८८ ) संज्ञा की पूर्ण व्याख्या वाक्य-चिड़ियाँ भी मनुष्य की तरह रात को अपने बाल बच्चों को लेकर अपने अपने घर अर्थात् सिले में चुपचाप सोया करती हैं। चिड़ियॉ--संज्ञा, जातिवाचक, लिग, बहुवचन, कक्षा-कारक, सोया करती हैं क्रिया का कर्ता । मनुष्य की संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिग एकवचन संबंध:कारक, सबंध शव्द तरह' । । तरहसंज्ञा, भाववाचक, सील्लिरा, एकवचन, करण कारक ( "से" } विभक्ति लुप्त है, इसको क्रिया *सोया करती हैं।” " “तरह" संबंधसूचक भी हो सकता है, क्योंकि इसकी विभक्ति का लोप हुआ है और यह मनुष्य को संज्ञाकी सबंध **सोया करती है। क्रिया से मिलता है।' रात को-~-संज्ञा, भाववाचक, लालिग, एकवचन, कर्मकारक के रूप में अधिकरण-कारक, इसकी क्रिया सोया करती हैं ।” बाल-बच्चे को-संज्ञा, जातिवाचक, पुलिंग, बहुवचन, कर्मकारक, "लेकर’ सकर्मक, पूर्व कालिक क्रियाका कर्म । घर----संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिरा, एकवचन, अधिकरण-कारक, घोसले' संज्ञा का समानाधिकरण फारक, इसकी क्रिया सोया करती है।” घोसले --~-संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिग, एकवचन, अधिकरण-कारक, इसकी क्रिया सोया करती हैं ।” १--नीचे लिखे वाक्यो में संज्ञाओं की पूर्ण व्याख्या करो-- | संसार में धोड़े का आदर प्राचीन काल से है। राजा दशरथ को तीन रानियों थी --कौशल्या, सुमित्रा और कैकेयी । हर साल खेत में फसल बोने से भूमि का सृत्व नष्ट हो जाता है । उस समय राजपुताने की रियासत बूदा में होमा नाम एक क्षत्रिय राज्य करते थे। कपास का बीज बोने के पहले धरती तैयार की जाती है। सहाराज,कृपा कर मेरा अपराध क्षमा कीजिए।
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