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उठाता है। इसके सिवा गाँव में एक गायनशाला, तमाशाघर और नाट्यशाला भी है। उनमें क्रम से नित्य गाना-बजाना, चलती-फिरती तसवीरों के तमाशे और थियेटर हुआ करते हैं। वहाँ ईसाई धर्म के भिन्न-भिन्न सम्प्रदायों के पाँच गिरजे भी हैं। उनमें हर इतवार को अच्छी धूम रहती है। गाँव- वालों की एक बैंड कम्पनी भी है। उसकी मुखिया एक स्त्री है।

केम्ब्रिज गाँव में छः वकील और सात डाक्टर हैं। उनमें से दो स्त्री-डाक्टर हैं। दो दन्त-चिकित्सक और एक पशु- चिकित्सक हैं । तीन बैंक हैं। चार भोजनशालाओं और चार पानशालाओं के सिवा एक नानबाई की, एक कल से कपड़े धोने की, तीन हजामत बनाने की, दो शौक़ के सामान की, तीन मामूली असबाब की, एक जूतों की, तीन बज़ाज़ी की, दो कागज़ की, चार बरतनों की, तीन पंसारियों की, दो दर- ज़ियो की और छः पोशाक बनानेवालों की दूकानें हैं। सिलाई का एक स्कूल भी है। उसमें नौ जवान स्त्रियाँ कपड़े सीना सीखती हैं। पूरी दो बाज़ारे गोश्तवालों की हैं। उनमें से एक-एक बाज़ार में कई-कई दूकानें हैं। इनके सिवा गाँव में तीन लोहार, तीस वढ़ई, तीन ठेकेदार, दो पैमाइश करनेवाले और दस चित्रकार हैं। घोड़ों की दो, और मोटर गाड़ियों की एक दूकान है। वहाँ घोड़े और गाड़ियाँ किराये पर भी मिलती हैं। दो यन्त्र-शालायें भी हैं, जहाँ से किसान लोग अपने लिए औज़ार खरीदते हैं। पाठकों को यह सुनकर शायद आश्चर्य

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