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गोबर ने पहले एडिनबरा में जिनी कैम्बेल और फिर जिमी इशन नामक पहलवानों को हराया। पहली कुश्ती में हार खा कर दूसरी में इशन ने गोबर को घूँसा मारा। ऐसा करना मना है। इस कारण पञ्चों ने कुश्ती बन्द करा दी और हार इशन के नाम लिखी गई। इस कुश्ती के उपलक्ष्य में गोबर को २२ हज़ार रुपया मिला। टिकटों की बिक्री से जो आमदनी हुई थी, उसमें से भी ७० फी सदी रुपया गोबर को मिला।

इसके बाद गोबर फ्रांस गये। वहाँ दो चार पहलवानों को पछाड़ कर वे गोच से लड़ने के इरादे से अमेरिका पहुँचे। परन्तु उनकी इच्छा-पूर्ति न हुई। गोच ने लड़ने से इनकार कर दिया।

गत वर्ष गोच ने अखाड़े से छुट्टी ले ली -- मल्लशाला से उसने इस्तेफा दे दिया। बात यह कि -- "बहुत यश कमाया; बहुत कुश्तियाँ मारी। हो चुका। बस अब न लड़ेंगे!" इस प्रकार अवसर ग्रहण करके गोच ने अमेरिकस (Americus) नामक पहलवान को अपनी जगह पर निर्वाचित किया। अर्थात् उसे पृथ्वी-मण्डल के पहलवानों में श्रेष्ठ स्वीकार किया। परन्तु इस सर्वश्रेष्ठ अमेरिकस को आयरिश पहलवान पैट कानली ने पछाड़ दिया। इस कारण कानली को "जगज्जयी उस्ताद" (World's Champion) की पदवी मिली। इसी कानली को इमामबख्श ने पछाड़ा था। वह योरप के भी कई पहलवानों

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