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मक्खियों से हानि

साधारण आदमियों की दृष्टि और तत्वदर्शी विद्वानों की दृष्टि में बड़ा अन्तर है। साधारण जन अनेक विषयों को तुच्छ समझ कर छोड़ देते हैं -- उनके सम्बन्ध में अधिक बातें जानने की चेष्टा ही नहीं करते। परन्तु तत्त्वदर्शी विद्वान् उन्हीं सामान्य विषयों की आलोचना करके कितने ही गूढ़ रहस्यों का पता लगाते हैं। फूल-फलों का पृथ्वी पर गिरना एक। साधारण बात है। हम लोगों ने संख्यातीत बार फल टपकते देखा होगा और उसे मामूली बात समझ कर छोड़ दिया होगा। परन्तु सर आइज़क न्यूटन ने एक सेब को जमीन पर गिरते देख कर पृथ्वी की आकर्षण-शक्ति का पता लगा लिया। ब्रुनेल ने छोटे छोटे कीड़ों को लकड़ी में सूराख करते देख कर टेम्स नदी का पुल बनाया, जो पृथ्वी के आश्चर्य-कारक पदार्थों में गिना जाता है। रेल, तार, बिजली की रोशनी आदि बुद्धि को चक्कर में डालनेवाली कितनी ही चीजें विद्वानों ने इसी तरह ईजाद की हैं।

इस समय संक्रामक रोगों की प्रबलता है। अतएव अनेक

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