कविवर भूषण का परिचय षण का जन्म-संवत् १६६२ तथा मृत्यु- संवत् १७७२ माना जाता है । इन की जन्म भूमि तिकवांपुर (त्रिविक्रमपुर) कानपुर जिले में मानी जाती है । इन के पिता का नाम पंडित रत्नाकर तिवारीथा। इनके ज्येष्ठ भ्राता चिन्ता- __मणि तथा छोटे भ्राता मतिराम और नीलकट थे। ये चारो ही बड़े प्रतिभाशाली कवि हुए हैं। पहिले कुछ काल तक भूषण चित्रकूटाधिपति रुद्रराम सोलंकी के दरवार में रहे और वहीं उनको भूषण की उपाधि मिली। भूपण ने शिवराजभूषण में स्वयं लिखा है- कुल सुलंकि चित्रकूट पति, साहस सील समुद्र । कवि भूषण पदवी दई, हृदय राम सुत रुद्र ॥ इनका वास्तविक नाम मालूम नहीं क्या था। संवत् १७२४ के लगभग भूषण शिवा जी के निकट गये और वहां इनका अत्यन्त मान हुआ । इन्हों ने शिवाजी के लिए शिवराजभूपण तथा शिवा-बावनी की रचना की। शिवराजभूपण से शिवा-बावनी के छन्द अधिक प्रभावोत्पा.
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