पृष्ठ:शिवसिंह सरोज.djvu/७

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सबलसिंह चौहान पृष्ठ ५००

इनका जन्म-काल १७०२ के पहले ही होना चाहिएः १७२७ अशुद्ध है। कारण १७१८ में इन्होंने महाभारत के भीष्मपर्व का अनुवाद किया हैं।

सुवंस शुक्ल पृष्ट ५०?

खोज में इनका एक पिंगल ग्रंथ भी मिला है ।

सूरति मिश्र पृष्ठ ५०३

इनका जन्म-काल १७४० के लगभग होना चाहिए। १७६६ ग़लत है। इनके एक ग्रंथ रसत्राहक-चंद्रिका का भी पता लगा है ।

सूरदास पृष्ठ ५०२

इनका जन्म-संवत् १६४० ठीक नहीं जान पड़ता ।

सेन कवि पृष्ठ ५०१

इन रीवाँवाले सेन का जन्म-काल १४५७ के लगभग है। १५६० वाला सेन दूसरा है।

सेनापति पृष्ट ५०२

इनका एक ग्रंथ कवित्त-रत्नाकार भी खोज में मिला है । उसमें ५ तरंग हैं । पहले तरंग में ६४, दूसरे में ७४, तीसरे में ५६, चौथे में ७६ और पाँचवें में ५७ छंद हैं ।शेप २७ कवित्तों में चित्र- काव्य है । १-२ तरंग में श्रृंगार रस, ३ तरंग में पद् ऋतु, ४ में रामकथा और ५ में भक्ति का वर्णन है।

सोमनाथ पृष्ठ ५००

१८८० जन्म-काल गलत है; क्योंकि इन्हीं के रसपीयूपनिधि ग्रंथ से जान पड़ता है, कि उसकी रचना १७६४ में हुई है ।

हरिकेश कवि पृष्ठ ५०७

इनके ब्रजलीला और जगत्सिंह दिग्विजय दो ग्रंथ और मिले हैं।

हितहरिवंश पृष्ठ ५०७

इनका जन्म-स्ंवत १८७० के लगभग है ।