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कनियों के जीवनचरित्र


काव्य के महान् पएिडत सुखदेव मिश्र और गुरुदत्त सिंह के पास उदयनाथ कवीन्द्र और उमरावसिंह के पास सुवंश शुक्ल जैसे नामी-गिरामी कवि थे, और उनके नाम के बड़ेबड़े साहित्य के ग्रन्थ रचे हैं । राजा माधवसिंह इस अवधप्रदेश में कविकोविदों की कदरदानी में बहुत ही गनीमत हैं । इन महाराज के बनाये हुए मनोजलतिका, देवीचरित्रसरोज, त्रिदीप, अर्थात् भतृहरि शतक का भापा उल्थाये तीन ग्रन्थ हमारे पास मौजूद हैं । और ग्रंथ हमने नहीं देखे। ॥ ९७ सफ़ा ॥ ३ छेराकरण कवि ब्राह्मण धनैलीज़िले बाराबंकी, सं० १८७५ में उ०। इनके बनाये हुए ग्रन्थ रामरत्नाकर, रमास्पद' गुरु कथा। आाहिक, रामगीतमाला, कृष्णचरितामृत, पदविलास, वृत्तभास्कर; रघुराजघनाक्षरी इत्यादि बहुत सुन्दर । प्रायः ह१० वर्ष की अवस्था में, संवत् १३१८ देहांत हुआ ॥ १०१ सफ़ा ।। ४ जेमकरन (२) अंतरवेदवाले । कवित्त अच्छे हैं ॥ १०० सफ़ा ।। ५ छत्तन कवि । इनकी कविता बहुत विचित्र है ॥ १७ सा ॥ ६ छत्रपति कवि। । ३७ सफ़ा ॥ ७ छेम कवि, सं० १७५५ में उ० । : ३१ सफ़ा ॥ ८ छबीले कवि ब्रजवासी । रागसागरोद्भव में इनके पद हैं ॥ १०० सफ़ा ।॥ & डेल कवि, संस० १७५५ में उ० । हज़ारा में इनके कवित्त हैं ॥ १०० सफा ॥ १०, छीत कवि, सं० १७०५ में उ० । ऐज़न् ॥ १०० सफा ॥