पृष्ठ:शिवसिंह सरोज.djvu/४२०

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

कवियों के जीवनचरित्र ४०३

दूतीविलास बनाया है, उसमें सब जाति की दूतियों का श्लेष से वर्णन है ॥ ५६ सफ़ा ॥

          ३ गइधर (१) कवि बुंदेलखंडी ।
 महा ललित कविता की है ॥ ५६ सफ़ा ॥ 
          ४ गंगाधर ( २ ) कवि ।
 उपसतभैया नाम संतसई का तिलक कुंडलिया छंद और

दोहों में बनाया है ॥ ७४ सफ़ा ॥

       ५ गंगापति कवि सं० १७४४ में उ०। 
 कविता सरस है ॥ ७६ सफ़ा । ॥
 ६ गंगाइयात दुबे निसर, जिसे रायबरेली के विद्यमान हैं।
 संस्कृत के महांडित और भाषाकाव्य में भी निपुण हैं ॥ .

७६ सफ़ा ॥

   ७ गंगराम कवि बुंदेलखंडी सं° १८४ में उ०। 

सामान्य कविता है । ॥ ७=सफ़ा ॥

  ८ गदाधरभट्ट,चाँदाबा, कवि पदमाकरजू के पौन
           सं० १६१२ में उ०।
 इनके प्रपितामह मोहन भट्ट बुंदेलखण्ड में नामी कवि, पन्ना में

राजा हिन्दूपति बुंदेला के यहाँ रहे । पीछे राजा जगतसिंह सवाई के यहाँ रहे । उनके पुत्र पंझाकरजी के मिहीलाल, अंबा- प्रसाद, दो पुत्र हुए । मिहीलाल के बंशीधर, गदाधर, चन्द्रधर, लक्ष्मीधर, ये चार पुत्र हुए । गंवाप्रसाद के एक पुत्र विद्याधर नाम उत्पन्न हुआ । यद्यपि ये सब कवि हैं, तथापि सबमें उत्तम कवि गदाधर हैं । यह राजा भवानीसिंह दतियानरेश के पास रहा करते हैं ॥ अलंकारचन्द्रोदय नाम एक ग्रंथ इन्हों ने बनाया है ॥ ५६ सफा।।

             ६ गदाधर कवि ।। 
 शांतरस के कवित्त चोखे हैं ।।