कवियों के जीवनचरित्र
१ अकबर बादशाह, दिल्ली, संवत् १९८४ में उत्पन्न हुए। इनके हालात में अकबरनामा, आईन-अकबरी) तवकात-अकबरी अब्दुलकादिर बदायूनी की तारीख इत्यादि बड़ी बड़ी किताबें लिखी गई हैं, जिनसे इस महा प्रतापी बादशाह का जीवनचरित्र साफ़-साफ़ मालूम हो जाता है । यहाँ केवल हमको उनकी कविता का वर्णन करना आवश्यक है । हमको इनका कोई ग्रंथ नहीं मिला । दो-चार कवित्त जो मिले, सो हमने लिख दिये हैं। जहाँगीर बादशाह ने अपने जीवनचरित्र की किताब तुजुक-जहाँगीरी में लिखा है कि अकबर बादशाह कुछ पढ़े लिखे न थे, परन्तु मौलाना अब्दुल्कादिर की किताब से प्रकट है कि अकबर बादशाह एक रात को आप ही संस्कृत महाभारत का उल्था कराने बैठे थे । सुलतान मुहम्मद थानेसरी और खुद मौलाना बदायूनी और शेल जी ने -जहाँ कुछ आश्रय छोड़दया था उसका फिर तर्जुमा करने का हुक्म दिया । इनके समय में नरहरि, करन होल,खानखाना, बीरबल, गंग इत्यादि बड़ेबड़े कवि हुए हैं। पाँच खास कवि जो नौकर थे, उनके नाम इस सवैया में हैं --
सवैया
पाइ प्रसिद्धि पुरंदर ब्रह्म सुधारस अंमृत अंमृत बानी। गोकुल गोप गोपाल गनेस गुनी गुनसागर गंग सु ज्ञानी ॥' जोध जगन्न जमे जगदीस जगामग जैत जगत है जानी। . छोर आकव्वर सैन कथी इतने मिलिकै कविता जु वखानी ॥ १ ॥ १ शेल फैजी बहुत बड़ा विद्वान् था । अकबर उसे बहुत मांनते