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शिवसिंहसरोज
 

सवैया

काल क करालन साल विसालन चाल चली है । हाल विहालन ताल तमाल प्रवाल के बालकशं लाल लली है । लोल बिलोल कलोल अमोल कलाल कपोल कलोल कती है । बोलन बोल कपोलन डोल गलोलग लोल रलोल गली है ॥ ३ ॥

इति श्रीशिवसिंहसेंगरविरचितो शिवसिंहसरोज-

संग्रह ’ संपूर्णः’।