पृष्ठ:शिवसिंह सरोज.djvu/१०

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५ बलदेव कवि बघेलखएडी कृत सत्कवि-गिरा-विलास नाम संग्रह, जो संवत् १८०३ में बनाया गया,और जिसमें १७ महान् कवीश्वरों के कवित हैं । ६ बाबूहरिश्चन्द बनारसी कृत सुंदरीतिलक नाम संग्रह, जो संवत् १९३१ में बनाया गया, और जिसमें ६७ कवियों के श्रृंगाररस के सुंदर-सुंदर सवैया हैं । ७ ठाकुरप्रसाद कवि किशुनदासपुरी का रसचंद्रोदय नाम संग्रह, जो संवत् १९२० में रचा गया और जिसमें २४२ कवियों के ९ रस के कवित्त हैं । ८ मातादीन मिश्र-कृत कविरत्नाकर नाम संग्रह, जो संवत् १९३३ में छापा गया,और जिसमें २० कवियों के कवित्त हैं । ९ महेशदत्त पण्डित-कृत काव्यसंग्रह नाम संग्रह,जो संवत् १९३२ में छापा गया । १० कृष्णानन्द व्यासदेव स्वामी-कृत रागसागरोद्भव-रागकल्पद्रम नाम संग्रह,जो संवत् १८०० में बनाया गया, और जिसमें प्रायः २०० महात्माओं के पद लिखें हैं । ११ टाड साहब रजीडेंट राजपूताना-कृत टाड राजस्थान नाम इतिहास, जो संवत् १८८० में बनाया गया, और जिसमें प्राचीन कवीश्वर चंद इत्यादि का वर्णन है । १२ कल्हण, जोनराज इत्यादि-कृत संस्कृत काश्मीर-राजतरं- गिणी और रघुनाथ मिश्र-विद्याधर-कृत संस्कृत दिल्ली-राजतरंगिणी, राजावली ग्रंथ, जिसमें पाँचहज़ार वर्ष तक के समाचार लिखे हैं । १३ तुलसीदास-कृत उर्दू भक्तमाल, जो संवत् १९११ में बनाया गया,और जिसमें सूरदास इत्यादि भक्त कवीश्वरों के जीवनचरित्र लिखे हैं।