(३)
५ बलदेव कवि बघेलखएडी कृत सत्कवि-गिरा-विलास नाम
संग्रह, जो संवत् १८०३ में बनाया गया,और जिसमें १७ महान्
कवीश्वरों के कवित हैं ।
६ बाबूहरिश्चन्द बनारसी कृत सुंदरीतिलक नाम संग्रह, जो
संवत् १९३१ में बनाया गया, और जिसमें ६७ कवियों के श्रृंगाररस
के सुंदर-सुंदर सवैया हैं ।
७ ठाकुरप्रसाद कवि किशुनदासपुरी का रसचंद्रोदय नाम संग्रह,
जो संवत् १९२० में रचा गया और जिसमें २४२ कवियों के
९ रस के कवित्त हैं ।
८ मातादीन मिश्र-कृत कविरत्नाकर नाम संग्रह, जो संवत् १९३३
में छापा गया,और जिसमें २० कवियों के कवित्त हैं ।
९ महेशदत्त पण्डित-कृत काव्यसंग्रह नाम संग्रह,जो संवत्
१९३२ में छापा गया ।
१० कृष्णानन्द व्यासदेव स्वामी-कृत रागसागरोद्भव-रागकल्पद्रम
नाम संग्रह,जो संवत् १८०० में बनाया गया, और जिसमें प्रायः
२०० महात्माओं के पद लिखें हैं ।
११ टाड साहब रजीडेंट राजपूताना-कृत टाड राजस्थान नाम
इतिहास, जो संवत् १८८० में बनाया गया, और जिसमें प्राचीन
कवीश्वर चंद इत्यादि का वर्णन है ।
१२ कल्हण, जोनराज इत्यादि-कृत संस्कृत काश्मीर-राजतरं-
गिणी और रघुनाथ मिश्र-विद्याधर-कृत संस्कृत दिल्ली-राजतरंगिणी,
राजावली ग्रंथ, जिसमें पाँचहज़ार वर्ष तक के समाचार लिखे हैं ।
१३ तुलसीदास-कृत उर्दू भक्तमाल, जो संवत् १९११ में
बनाया गया,और जिसमें सूरदास इत्यादि भक्त कवीश्वरों के
जीवनचरित्र लिखे हैं।