पृष्ठ:वोल्गा से गंगा.pdf/४३

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चोलासे गगा बाल-बच्चे । मधुरा । वहाँका घर-बार दूसरी ही तरह है, और सारे ग्रामको एक परिवार होता है ।

  • उसमे बापका कर्त्तव्य ?"

पि नहीं कह सकते मधुरा । वहीं स्त्री किसीकी पत्नी नहीं, उसका प्रेम स्वच्छंद है।' "तो वहाँ कोई बाघको नहीं जानता है। सारे घरके पुरुप बाप हैं । यह कैY रिवाज है ? “इसीलिये वहाँ स्त्री स्वतंत्र है। वह योद्वा है; शिकारी है । "और गाय-धोड़ोंका पालन-पोषण ? 'वहाँ गाय-घोड़े जगलमें पलते हैं, वैसे ही जैसे यहाँ हरिण ।' और भेड़-बकरियाँ १) वहीं लौग पशु-पालन नहीं जानते। शिकार, मछली और जंगलके फलपर गुज़ारा करते हैं । "सिर्फ शिकार ! फिर उन लोगों को दूध नही ‘मलता होगा ? "मानवीका दूध और वह भी बचपन हीमें । *घोड़ेपर चढ़ना भी नहीं ? “नहीं । और चमड़ेके सिवा दूसरा परिधान भी नहीं जानते । उन्हें बड़ा दुःख होता होगा १॥ **किन्तु वहाँकी स्त्रियाँ स्वतंत्र, पुरुपोंकी तरह स्वतंत्र हैं। वह फल जमा करती हैं, शिकार करती हैं, युद्धमे शत्रुओं पर पाषाण-परशु और बाण चलाती हैं। | मुझे भी यह पसन्द है। मैंने शस्त्र चलाना सीखा है, किन्तु युद्ध में पुरुषोंकी भाँति जानेको सुभीता कहाँ है? "पुरुषने यह काम अपने ऊपर लिया है । घोड़ों-गायों, मैड़