पृष्ठ:वोल्गा से गंगा.pdf/३७७

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३७६ वोल्लासे गंगा रहा है, उसने अपने लिये एक पक्ष स्वीकार कर लिया है, क्योंकि इस लड़ाईंको परिणाम शोषण-विरोधी शक्तियोंको या तो खतम करना होगा या उनकी शक्तिको इतना प्रबल कर देगा, कि फिर मुसोलिनी, हिटलर, तोनो या उनके पिताओं-बाल्डविन चेम्बरलेन, हेलीफैक्सों के लिये दुनियामें जगह नहीं रह जायेगी । हिन्दुस्तानमें सुभाषचन्द्र और उनके अनुयायियोंने अपना स्थान चुन लिया हैं, और जिनको आप तटस्थ समझते हैं, वह भी तय कर चुके हैं। उनकी तटस्थता सिर्फ ऊपरी दिखावा हैं, क्योंकि फासिस्तोंके रवैयेसे वह ना-वाकिफ नहीं हैं । "लेकिन हमारे यहाँकै अँग्रेज शासकोंके मनोभावको देख रहे हो न है? अन्धे हैं ये लोग, तीस बरस पहिलेकै झमानेमें अब भी अपने को रखनेकी कोशिश कर रहे हैं । लेकिन क्या, समझते हो लड़ाई बादकी दुनियाँ इन पुरानी फिसडियोंके लिए जीती जा रही है। हम जानते हैं, ये लोग हमारी युद्धकी तैयारी पग पग पर बाधा डालेगे, क्योंकि वह हरएक चीज्ञको गुज़रे झमानेकी हुष्टिसे देखते हैं।” “हाँ, देख नहीं रहे हो जिन लोगोंकी सूरतें अमन सभाओंमें ही शोभा देती थीं, अब वही राष्ट्रीय मोर्चेकै नायक बनकर जनताके सामने दहाड़ रहे हैं। हमारे गवर्नर, गवर्नर-जेनरले जनताको कुर्बानियां करनेका उपदेश दे रहे हैं। जब कि उनके अपने खर्चेको देखकर हमारा माथा चकराता है। हमारे यहाँ कमसे कम सज़दूरी है एक ना रोज़, जिसके हिसाबसे २५) सालाना आमदनी हुई और इनकी तनखाह है। कृपया वाइसराय २,५०,८०० अर्थात् घुरहू मजदूरकी आम दनीका १० ००० गुणा बंगाल गवर्नर १,२०,००० ४८०० गुना युप्रान्त गवर्नर ॥ ५ विहार गवर्नर १,००,००० ४ ७०० गुना