पृष्ठ:वोल्गा से गंगा.pdf/३५१

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३५० वोलासे गंगा उसके दूसरे साल ( सन् १८७२ ई० में ) कट्टर अंग्रेज पूंजीपतियों--- टोरियोंने इग्लैंड के प्रधान मंत्री यहूदी डिसाइली द्वारा साम्राज्यवादको घोषणा कराई । घोषणा शाब्दिक नहीं, बल्कि वस्तुस्थितिका प्राकट्य था। फैक्टरियाँ इतनी बढ़ चुकी थी, कि उनके लिये सुरक्षित बाज़ार मिलने चाहिएँ। ऐसे बाज़ार, जहाँ जर्मनी और फ्रासके बने मालकी प्रतियोगिताका डर न हो; अर्थात् जहाँके बाज़ारकी इजारदारी बिलकुल अपने हाथमे हो; साथ ही पूँजी भी इतनी जमा हो गई थी, कि उसको नफ़े पर लगानेके लिये सुरक्षित स्थान चाहिये । यह काम भी मुल्कोंको पूरी तौरसे अपने हाथमे करनेसे ही होगा । साम्राज्य शब्दके भीतर डिसाइलीका यही अर्थ था। भारत में दोनों बातोंका सुभीता था। योरुपसे भारतकी और जाने वाली सबसे छोटा सस्ता रस्ता या स्वेज नहर, जो सन् १८६६ ई०में खुली थी । सन् १८७५ ई० में मिलके वदीबके १,७७,००० शैयरोंको चालीस लाख पौण्डोंमे तार द्वारा डिसाइलीने खरीदा । साम्राज्य-घोषणाका और आगे बढानेमे यह दूसरा कदम था. और पहली जनवरी सन् १८७७ ई० को दिल्ली में दरबारकर रानी विक्टोरियाको सम्राज्ञी घोषित करके डिसाइलीकी सरकारने साम्राज्यवादको इतनी दूर तक पहुँचा दिया कि अब उदार दलके ग्लैडेस्टनके दादा भी मंत्री बनकर आये, किन्तु डिसाइलीकी नीतिको बदलनेझा सामर्थ्य नहीं रखते थे।" "हम तो अभी तक अपने विद्यार्थियों को यही पढ़ा रहे थे कि महारानी विक्टोरियाने भारत-सम्राज्ञी कैसर हिन्दी पदवी धारण कर भारतके ऊपर भारी अनुग्रह किया ।' | "और याद रखिये, छः साल पहले पुसियाके राजाने भी उस कैसरकी पदवी धारण की थी । कैसरका नाम कितना महँगा हो गया था । रोमन साम्राज्यके वकसे परित्यक्त शब्दकी कीमत वाज्ञारमें झटपट कितनी तेज़ हो गई ! । । १, साथ ही रोमन भाषाके शब्द कैसरको सिर्फ हिन्दुस्तानमे चलाना