पृष्ठ:वोल्गा से गंगा.pdf/३२२

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रेखा भगत १२१ मगरी दूर जा तब तक घरको देखती रही, जब तक कि उसकी छानसे ज्वाला नहीं निकलने लगी। लोग गाँवके छोर पर अवस्थित रेखाकै घरकी और दौड़े और रेखा नंगी तलवार लिये जमींदारकी कचहरी की ओर । कालको देख प्यावे-गोराइत भाग चले । रेखाने मालिक और दीवानको मारते वक्त कहा-“तुम्हारे पीछे रोने वाला नहीं छोडूंगा पापियो ।” | रेखाने अपने वचन को सच किया; और प्रतिज्ञासे और भी बड़े पैमाने पर, लम्बी उम्र तक जीता रहा। कसाई कार्नवालिसूने कितने रेखा पैदा किये ?