पृष्ठ:वोल्गा से गंगा.pdf/३१३

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३१२ । वोलासे गंगा हमारे यहाँ वह कई सौ सालसे चली आती है, किन्तु वहाँ भी जबर्दस्ती खेतसे किसानोंकी मिल्कियत छीनी गई थी। जमीदारी कायम करनेवाले गवर्नरका नाम जानते हो १५ "हाँ, कार्नवालिस् ।'

  • हीं, विलायतमे वह एक नंबरका कसाई जमींदार है। उसने यहाँ आकर देखा, जबतक किसान खेतोंके मालिक रहेंगे, तबतक सूखाबाढ़के कारण, अथवा ज्यादा झड़ी होनेके कारण मालगुजारी ठीकसे वसूल नहीं हो सकेगी । उसने यह भी सोचा कि सात समुद्र पारके अँग्रेजोको बेगाने मुल्कमें दोस्त भी पैदा करना चाहिये, और ऐसा दोस्त, जिसका स्वार्थ अंग्रेजोंके स्वार्थसे बँधा हो । जमींदार अंग्रेजोंकी सृष्टि हैं। किसान के विद्रोहसे अंग्रेजों के राज्यका जिस तरहका खतरा है, उसी तरह जमींदारोंको अपनी जमींदारी, अपनी सम्पत्ति और अपनी इज्ज़त जानेका खतरा है। इसलिये यदि छोटे छोटे किसानको मालिक ने मानकर बड़े बड़े पचीस पचास गाँव का एक मालिक-जमींदार–बनो दिया जाये, तो वह हमारी बिपत सुपतु दोनोंमे काम आयेंगे । इस तरह विलायतके इस कसाई जमींदारने हिन्दके किसानों की गर्दनको रेत दिया ।”

रेत दिया इसमै शुक्र नहीं-तिनकौड़ीको अपनी जमींदारीकै किसान याद आ रहे थे।

  • "जागीरदारोंके जुल्म के मारे सारी दुनियाके लोग तबाह हैं, लेकिन इनके दिन भी इने गिने हैं दे ।

कैसे, साहेब १ **ौसके राजा-रानीको कुछ ही वर्ष पहिले प्रजाने जानसे मार डाला, और उस क्रोधाग्निमें कितने ही जागीरदार–जमींदार भी जलकर खाक हो गये। जमींदारी प्रथा उठा दी गईं। लोगोंने मनुष्य मात्रके लिये स्वतंत्रता, समानता, भ्रातृभावको सिद्धान्त घोषित किया । मै इंग्लैंड में था, उस वक, दे, और फ्राँसके राजाके महलों पर फ्राँसीसी प्रजातंत्रका तिरंगा झडा फहराते मैंने खुद देखा है । इंग्लैंड के राजा,