पृष्ठ:वैशाली की नगरवधू.djvu/३४३

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अभी लाता हूं।"

तरुण वैसे ही लम्बे-लम्बे डग भरता अन्धकार में खो गया, अम्बपाली उसे ताकती रह गईं।