पृष्ठ:वेनिस का बाँका.djvu/९८

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
वेनिस का बांका
८०
 

लाई नहीं देती देख पड़ती हो। फिर ठहर कर बोली तथापि कामिला ठीक कहती है, परन्तु उसके साथ ही इस रीति से नाक भौं चढ़ाई जैसे उसने कहा हो कि कामिला का कहना ठीक नहीं।

अब इस ठौर यह वर्णन करना आवश्यक है कि कामिला रोजाबिला की शिक्षका, उसकी सखी, उसका भेद जानने वाली और उसकी माता के स्थान पर थी। रोजाविला के पिता माता उसके बोलपन ही में परलोकगामी हुये थे, उसकी माता ने उस समय संसार का त्याग किया था जब कि वह माता का शब्द कठिनता से कह सकती थी। उसका पिता गिस्कार्डो नामक काफू का गण्य मान्य पुरुष और वेनिस के एक युद्ध पोत का स्वामी (कप्तान) था जो आठ वर्ष व्यतीत हुए कि एक लड़ाई में तुरुकों के हाथ से युवावस्था में ही मारा गया था। उस समय से कामिलाने जो एक अत्यन्त योग्य युवती थी रोजाविला को अपनी कन्या समान पालन किया था। उसके साथ वह इस रीति से व्यवहार करती थी कि रोजाबिला अपने अन्तःकरण का सम्पूर्ण भेद उससे कह दिया करती थी।

जब कि रोजाबिला उसकी बातों का ध्यान कर रही थी कामिला उपवन की एक द्वितीय दिशा से उसके सन्निकट आ पहुँची। रोजाविला चौंक उठी और कहने लगी "प्रिये कामिला क्या तुम हो? कहो तो तुम किसलिये आईं"।

कामिला―तुम प्रायः मुझे अपना रक्षक देवता कथन किया करती हो अतएव रक्षक देवता को सदैव उन बस्तुओं के पास वर्तमान रहना चाहिये जिनकी रक्षा का भार उनको समर्पण किया गया है।

रोजाविला―"कामिला मैं इस समय तुम्हारे सदुपदेशों को