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द्वादश परिच्छेद
 

वेनिस में एक नवीन बात ऐसी हुई जिसने उनकी चिन्ता की और वृद्धि कर दी। ऐसी घटना का होना जिसका विवरण आगे किया जायगा वेनिस में अद्यावधि किसीने न सुना था। उसकी कथा यों है कि जिस दिन से फ्लोडोआर्डो ने उन चारों डाकुओं पेट्राइनो, ष्ट्रजा, बलज्जो, और टामेसो को पकड़ा था वह राजकीय कारागार में बहुत यत्न के साथ बद्ध थे और नित्य उनके विषय में छान बीन की जाती थी। निदान अपराध सिद्ध हो जाने के उपरांत उन लोगो ने फांसी पाई। उस दिवस से अंड्रियास और उनके मन्त्रि प्रवरों को पूरी प्रतीति हो गई कि अब प्रजा के लिये किसी प्रकार के भयका स्थान शेष न रहा, और वेनिस उन दुष्टों से सर्वथा रहित हो गया जो मुद्रादि के लोभ से व्यर्थ लोगों का नाश किया करते थे कि अकस्मात् उन्होंने एक दिन एक बिज्ञापन वेनिस के मुख्य भवनों और राज मार्गो और नाकों पर लगा हुआ देखा जिसका आशय यह था।

"ऐ वेनिस निवासियो! तुम लोगों को ज्ञात हो कि ष्ट्रजा, टामेसो, पेट्राइनो, वलज्जो, और माटियो, पांच ऐसे बीर व्यक्ति को, जो यदि किसी सेना के नायक होते तो वीर धुरन्धर कह- लाते डाकुओं में गिनकर राज्यने अन्याय से फाँसी दे दी यद्यपि कि अब वह जीवित नहीं हैं, परन्तु उनके स्थान पर अब वह व्यक्ति उत्पन्न हुआ है जिसका नाम इस विज्ञापन के निम्नभाग में लिखा है और जो ऐसे लोगों का कार्य्य तन मन से करने के लिये तत्पर है जिन्हें उससे कोई काम कराना हो। मैं वेनिस की पुलीस को कुछ नहीं समझता, और न उस धृष्ट और दुष्टात्मा फ्लारेंस के निवासी को जिसके कारण मेरे सहकारियों की यह दशा हुई, तनिक भी ध्यान में लाता हूँ। मैं सूचित करता हूँ कि जिन लोगों को मेरी आवश्यकता हो वह