प्लारेसका एक कुलीन युवक फ्लोडोआडौं नामक आया है। उसके मुखड़े से कुलीनता और भलमनसाहत टपकती है, और उसे देखने से सिद्ध होता है कि वह होनहार है।"
अंड्रियास―"अच्छा फिर?"
लोमेलाइनो―"इसके जनक मेरे परम मित्र थे परन्तु उन का देहान्त हो गयो, अहा! कैसे सद्व्यक्ति थे कि होना कठिन है, युवावस्था में हम दोनों एकही पोत पर कार्य करते थे, और उन्होंने बहुत से तुर्कों को धूल में मिलाया था, हाय! क्या ही वीर मनुष्य थे।"
अंड्रियास―"वाह! बापकी प्रशंसा की उमंग में तो तुम बेटे को सर्वथा भूल गये।"
लोमेलाइनो―"उनका बेटा वेनिस में आया है और महा- राज की सेवा करने की कामना रखता है। मैं विनय करता हूँ कि आप उसे किसी उच्च और माननीय पद पर नियुक्त करें, क्योंकि वह ऐसा पुरुष निकलेगा कि हम लोगों की मृत्यु हो जाने के उपरांत वेनिस वाले उस पर गर्व करेंगे, इस बात के लिये मैं अपने जीवन की शपथ करता हूँ।"
अण्ड्रियास―"वह कुछ मतिमान और योग्य भी है।"
लोमिलाइनो―हाँ! यह सद्गुण उसमें विद्यमान हैं और वह हृदय भी अपने पिता के सदृश रखता है, तनिक महाराज उसे बुलाकर बात चीत करें, वह सामने वाले आयतन में जहाँ लोग रूप बदल कर एकत्र हैं उपस्थित है। उसकी कामनाओं में से एकको मैं निदर्शन की भांति आप से वर्णन करता हूँ। उस ने डाकुओं का समाचार जिन्होंने सम्पूर्ण वेनिस को अस्त व्यस्त और व्यग्र कर रक्खा है सुना है और वह इस बातका प्रण- करता है कि प्राथमिक सेवा मैं जो इस राज्यकी करूँगा वह