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सप्तम परिच्छेद
 

अविलाइनो जैसे लोग ऐसे सद्व्यक्ति नहीं होते, और यह पहले ही बार है कि मैंने एक बांके छैले को सभ्य सुना।" संक्षिप्त यह कि वेनिस के निठल्ले लोगों, झूठी और निर्मूल बातों के वक्ताओं ने, रोजाविला और अविलाइनो का यहाँ तक चबाव किया कि महाराज की भ्रातृजा संसार भर में "बाँके की पत्नी के निकृष्ट नाम से प्रख्यात हो गई"।

परन्तु किसी मनुष्य को इस बात की इतनी चिन्ता न थी जितनी कि नरपति अण्ड्रियास को, वे यद्यपि भले थे, पर ऐसे अयोग्य लांछन को कब स्वीकार कर सकते थे। उन्हों ने तत्काल आज्ञा दे दी कि जिस मनुष्य के स्वरूप से बद चलनी अथवा दुराचरण की आशंका पाई जाय उसका निरी- क्षण पूर्णतया हो। इसके अतिरिक्त उन्होने रात्रि के भ्रमण करने वालों की संख्या बढ़ा दी और चारो ओर गुप्तचरों और गूढ़ पुरुषों को नियत किये कि वह जैसे हो सके अबिलाइनो का पता लगायें। परन्तु यह सम्पूर्ण युक्तियाँ निष्फल थीं क्योंकि जिस स्थान पर अविलाइनो रहता था वहां वायु का संचार भी कठिनता से होता था और पक्षी पर्य्यन्त का प्रवेश भी एक प्रकार से असंभव था।



अष्टम परिच्छेद।

सामान्यतः वेनिस के लोग तो परस्पर इस रीति से चर्चा करते थे जैसा कि ऊपर वर्णन किया गया है, परन्तु अब उस पुरुष का वृत्तान्त सुनिये जिसने माटियो को रोजाबिला का संहार करने के लिये सन्नद्ध किया था। यह परोजी नामक वेनिस का प्रथम श्रेणी का एक उच्च वंशोद्भव