पृष्ठ:वेनिस का बाँका.djvu/४३

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और वलीरिया प्रोत्साहित हो मेरे मिलने के लिये दौड़ती और परिरम्भन कर हृदय से लगा मधुर बाणी से कहती कि रुसाल्वोसे व्यक्तिको कौन प्यार न करेगा, तो परमेश्वर ही जानता है कि क्या आनन्द चित्त को प्राप्त होता। परन्तु अब मैं इन गत आनन्दों का स्मरण न करूंगा, नहीं तो निस्सन्देह मुझको उन्माद हो जायगा।

अबिलाइनो कुछ देर तक चुप रहा और अपना ओष्ठक्रोध से दंशन करता रहा, फिर एक हाथ आकाश की ओर उठा और दूसरे से शिर ठोंक कर बोला "डाकू, कायर-शिरोमणि दुष्टात्माओं का दास और वेनिस के छटे हुए डाकुओं का सहकारी, बस अब रूसाल्वो की यही पदवी है। धिक है ऐसे जीवन पर! फिटकार है ऐसी वृत्ति पर! पर क्या करू भाग्य जो चाहे कराये असमर्थ हूँ।"

इतना कह कर वह फिर प्रतिमा समान हस्त पद परिचालना हीन होगया और देर तक इस दशा में रहा। पुनः अकस्मात् वह उछल पड़ा, आंखें चमकने लगा और मुख का वर्ण अरुण हो गया ।" निस्सन्देह युवराज रूसाल्वो की सी बड़ाई तो मुझे प्राप्त नहीं हो सकती परन्तु यदि वेनिस का छटा अथवा बांका बनकर मुख्याति लाभ करूं तो कौन रोक सकता है, ऐ स्वर्गीय लोगो!(यह कह कर उसने अपने दोनों हाथोंको बांध कर श्राकाश की ओर उठाया, मानो अत्यन्त कठिन शपथ करना चाहता था) ऐ मेरे पूज्यपाद पिता की आत्मा! ऐ प्राणाधिका वलीरिया की आत्मा! मैं तुम लोगों का नाम न हँसाऊँगा। यदि तुम्हारी आत्मायें कहीं मेरे पास पास हों तो मेरे शपथ और प्रतिक्षाको सुन रक्खें कि अविलाइनो अपने पूर्व पुरुषों के चिरस्मरणीय नामको लांछित न करेगा और न उन आशाओं को व्यर्थ होने देगा जो तुम लोगों के