पृष्ठ:वेनिस का बाँका.djvu/१६९

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
वेनिस का बाँका
१५२
 

अविलाइनो। (डांटकर) 'बस चुप रहो! मैं तुम्हारी सम्पूर्ण युक्तियों से अभिज्ञ हूँ, वह तालिका भी देख चुका हूँ और जो कुछ तुम लोगों ने प्रबन्ध किया है मुझे सब ज्ञात है। इस समय मैं तुम से बातें कर रहा हूँ और वहाँ पुलीसवाले मेरी आज्ञा से उन महाशयों को जिनके भुज मूल पर स्वेत सूत्र (फीते) बँधे हैं और जिन्हों ने आज की रात वेनिस के सत्या- नाश करने की मंत्रणा की थी पकड़ रहे हैं, वस अब चुप रहो अस्वीकार करना व्यर्थ है।'

अंड्रियास―'अबिलाइनो परमेश्वर के लिये तनिक मुझे तो बतला कि इसके क्या अर्थ हैं।'

अविलाइनों―'कुछ नहीं केवल इतना कि वेनिस के सत्या- नाश और उसके शाशनकर्ता का प्राण हरण करने के लिये कुछ मनुष्यों ने एका किया था, अबिलाइनों ने अनुसंधान करके उसका पथ बन्द कर दिया, अर्थात् आपलोगों की इस अनुकंपा के बदले में कि अभी आप उसका शिरकर्त्तन करना चाहते थे उसने सबको मृत्यु के कठिन आघात से बचा दिया'॥

एक कर्मचारी―(अपराधियों से) 'क्यों महाशय आपलोगों पर ऐसा भारी दोषारोपण किया गया है और आपलोग मौन हैं॥'

अबिलाइनो―वे ऐसे मूर्ख नहीं हैं कि अस्वीकार करें, इस से लाभ ही क्या होगा, उन के साथी राजकीय कारा- गार में पृथक् पृथक् बद्ध हैं, आप वहाँ जाकर उन से पूछिये तो आपको इसकी सम्पूर्ण व्यवस्था ज्ञात हो जायगी। अब आप समझे होंगे कि मैंने इस आयतन के द्वार पर अबिलाइनो के पकड़ने के लिये प्रहरियों को नहीं सन्नद्ध किया बरन इन्हीं लोगों के लिये, तनिक अब आप अपनी कृतज्ञता और मेरे वर्ताव और कर्तव्य का विचार कीजिये, मैंने अपने प्राण को संकट में डालकर वेनिस को सत्यानाश होने से बचाया है। डाकुओं का