पृष्ठ:वेनिस का बाँका.djvu/१२१

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षोड़श परिच्छेद
 

(शैतान) श्रृंखल तुड़ाकर पलायित हुआ है, और अब वेनिस में अविलाइनो कहलाकर मेरे उत्पीड़न में निरत है। परमेश्वर के लिये फ्लोडोआर्डो तुम सावधान रहना तुमारे पीछे मुझे प्रायः विचार हुआ है कि ऐसा न हो कि वह दुष्टात्मा मुझको तुमारे वियोग के संताप से संतप्त करे मुझे अभी तुमसे बहुत सी बातें करनी हैं इसलिये तुमको सन्ध्या समय तक ठहरना होगा। इस समय एक प्रदेश से एक माननीय व्यक्ति आये है उनसे समागम करने का मैंने यही समय नियत किया है, अतएव मैं समागम के कमरे में जाता हूँ परन्तु सन्ध्या को-"॥

वह अपनी बात समाप्त न करने पाये थे कि रोजाबिला निर्बलता के कारण शनैः शनैः पद रखती हुई आई! उसका जाज्वल्यमान मुख पीतवर्ण हो रहा था, और दुर्बलतासे नेत्रोंके आस पास गर्त्त से पड़ गये थे, परन्तु जब उसने फ्लोडोआर्डो को देखा तो आनन्द उद्रक की अधिकता से पाटलकुसुम कलिका समान विकसित हो गई। फ्लोडोआर्डो ने अपने स्थान से उठ कर अत्यन्त औचित्य के साथ उसकी वन्दना की और पुनः बैठ गया॥

अंड्रियास―"देखो तुम अभी न जाना, कदाचित् मुझे दो घड़ी में अवकाश मिलजाय, इस बीच में तुम मेरी प्राणोपम पुत्री रोजा बिला का जी वहलाओ, तुम्हारे पीछे वह वेचारी बहुत बीमार थी, और अभी गतदिवस पलँग पर से उठी है, मेरा बिचार है कि रोजाबिला को अभी इतनी शीघ्रता करनी उचित न थी।

यह कहकर महाराज तो आयतन के बाहर सुशोभित हुये और वह दोनों प्रेमी और प्रेयसी उक्त आयतन में एकाकी रह गये। रोज़ाबिला एक गवाक्ष के समीप जाकर खड़ी हुई कुछ कालोपरांत फ्लोडोआर्डो भी वहीं जा पहुँचा।