[वेद और उनकर साहित्या "हे इन्द्र ! उन पिशाचों का नाश कर जो कि लाल रंग के है और भयानक हल्ला मचाते हैं । इन सब रासो का नाश कर।" (-१३३,-२-१) "हे अश्विनो ! उन लोगों का नाश करो जो कुत्तों की नाई भया- नक रीति से भूक रहे हैं और हम लोगों का नाश करने के लिए था रहे हैं । उन लोगों को मारो जो हम लोगों से लड़ने की इच्छा करते हैं। तुम उन लोगों के नाश करने का उपाय जानते हो। जो लोग तुम्हारी प्रशंसा करते हैं, उनके हरएक शब्द के बदरने उन्हें धन मिले । सत्यदेव ! हम लोगों की प्रार्थना स्वीकार करो।" दधिका घाडा--अमेरिका जीतनेवाले सेन देशवासियों की जीत का कारण अधिक करके उनके घोड़ ही थे, जिनको अमेरिका के निवासी लोग काम में लाना नहीं जानते थे और इस कारण से उन्हें डर की दृष्टि में देखने थे । ऐसा जान पड़ता है कि प्राचीन हिन्दू श्राओं के घोड़ों भी भार्यावर्त के आदिवामियों में ऐसा ही डर उत्पन्न किया था। अतएव नीचे लिखा हुअा वर्णन जो कि दधिका अर्थात् युद्ध के देवतुल्य घोडे के सम्बन्ध में है और जो एक सूक्त का अनुवाद है,मनोरंजक होगा। "जिसतरह लोग किसी कपड़ा चोरी करनेवाले चोर पर चिल्लाने और हल्ला करते हैं, उसी तरह शत्रु लोग दधिका को देख कर चिल्लाते हैं। जिस तरह झपटते हुए भूखे बाज को देख कर चिडिया हल्ला करती है, उसी तरह शत्रु लोग भोजन और पशु लूटने की खोज में फिरते हुए ६धिका को देख कर हल्ला करते हैं।" "शत्रु लोग दधिका से डरते हैं जो कि बिजली की नाई दीप्तिमान् और नाश करनेवाला है। जिस समय वह अपने चारों थोर के हजारों यादमियों को मार भगाला है उस समय वह जोश में था नाता है थौर थधिकार के बाहर हो जाता है।" (५-३८५और ) 6
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