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नियम


धर्म ने कहा नियम में रहो
समाज ने कहा नियम में रहो
कानून ने कहा नियम में रहो

मेंने कहा
मुझे जीना है
सबने कहा नियम में जीओ

मैंने पूछा
जीने का नियम बता दो
सबने कहा
हमारा नियम ना टूटे बस
तुम जैसे मर्जी जीओ

 

वीरेंदर भाटिया : चयनित कविताएँ 71