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घिसटने से इंकार करें
तुम यदि
मरने के लिए पैदा हुए हो
तो मरने का इंतजार मत करो
मर जाओ अभी
मर ही जाओ
कि
बरस-दर-बरस देह को ढोने का भी
हासिल क्या है आखिर
हासिल अगर कोई गणित है
कि तलपट मिलान करना ही जीना है
या जिंदगी के चिठठे मे
लाभ-मद् का बड़े से बड़े होते जाना जीना है
तो सैकड़ों बरस रह लेना जिंदा
तलपट जीतने ना देगा
और लाभ-मद के पहाड़ के नीचे
दब मरोगे किसी रोज
तुमसे कहूँ
कि अभी मर जाओ
अगर मरने ही आये हो
तो तुमसे मरा भी ना जाएगा
कि एक पैर में जब
जिंदगी की रस्सी बंधी हो
वीरेंदर भाटिया : चयनित कविताएँ 61