यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
तुम्हारे चले जाने के बाद
'चले जाना'
वाक्य नहीं है सिर्फ
दुर्घटना है
श्राप है
विध्वंस है
यात्रा है नई
तुम्हारे चले जाने के बाद
पीछे नहीं आऊंगा तुम्हें खोजने
खोदूंगा
खोदूंगा
खुद को ही
बुद्ध से मिलने जाऊंगा
दुर्घटना से वाबस्ता होऊंगा
श्राप को जी
चेतना की नजर से देखूंगा विध्वंस
यात्रा में उतरूंगा
खोदने-खोदने के क्रम में
मोहनजोदड़ो हो जाऊँगा किसी रोज
अवशेष में भी
जिन्दा रखूंगा कोई कहानी
बचा रखूंगा सभ्यता का अंश
वीरेंदर भाटिया : चयनित कविताएँ 115