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जिन्हें सड़क पर गर्भ गिराती स्त्री नहीं दिखी
जिन्हें मर गए मजदूर
दफन होते किसान नहीं दिखे
सांस के लिए जूझती अवाम नहीं दिखी
वह राजा नग्न हैं

निर्वस्त्र होना नग्न होना नहीं होता
बेशर्मियों के समुच्चय जोड़कर जो
सुंदर वस्त्र पहन इठलाता है
वह भद्दा असुंदर नग्न होता है

जो नग्न होता है
वही नग्नता के लिए दुत्कारा जाता हैं
निर्वस्त्र होना नग्न होना नहीं होता
वस्त्रों आभूषणों से सजे लोग भी
नग्नता के लिए दुत्कारे जा सकते हैं

 

वीरेंदर भाटिया : चयनित कविताएँ 108