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मुझे फिर चिकित्सक मित्र को बात सत्य लगती है
कि मुल्क में विटामिन बी की बर्ड स्तर पर कमी है
भ्रम में रहने और भूल जाने की आदत वहीं से आती होगी
मैं कहता हूं
खराक में अब बिटामिन बी जरूरी कर दिया जाना चाहिए
तो समाजवादी मित्र नया शिगूफा छेद देता
कहता है
80 करोड़ लोग पेट भरने की लड़ाई लड़ रहे हैं
और निजाम की पुरजोर कोशिश है
कि वे जीत न जाएं ये लड़ाई

मुझे मां की ही बात अंतिम सत्य लगती है
कि बचपन में मैंने
छटाकी दिमाग (समझ) का
इंतजाम क्यो नहीं कर लिया
जो मेरी समझ भी मित्रों जेसी होती

मेरी उम्र अभी पचास की नहीं है
विटामिन बी की भी कमी नहीं है
फिर भी भूल जाता हूं बहुत कुछ

मैं भी क्‍योंकि
हूं तो जनता ही

 

वीरेंदर भाटिया : चयनित कविताएँ 106